डिजिटल सत्तावादः निगरानी और राजनीतिक नियंत्रण के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग का विश्लेषण
Abstract
सारांश
यह शोध पत्र डिजिटल सत्तावाद ;क्पहपजंस ।नजीवतपजंतपंदपेउद्ध की प्रवृत्ति की जांच करता है, जिसमें इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि सरकारें निगरानी लागू करने और राजनीतिक नियंत्रण स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी का कैसे उपयोग कर रही हैं। डेटा संग्रह, निगरानी उपकरणों और डिजिटल संचार प्लेटफार्मों में तकनीकी प्रगति के विस्तार के साथ, सत्तावादी शासन इन नवाचारों को अपने नागरिकों की निगरानी, हेरफेर, और असहमति को दबाने के लिए तेजी से अपना रहे हैं। यह शोध पत्र विभिन्न तंत्रों की पड़ताल करता है जिनके माध्यम से डिजिटल उपकरणों, जैसे फेसियल रिकॉग्निशन, डेटा माइनिंग और सोशल मीडिया सेंसरशिप, का उपयोग राजनीतिक सत्ता बनाए रखने और असहमति को दबाने के लिए किया जा रहा है। यह इन प्रथाओं के नैतिक प्रभावों और सामाजिक परिणामों की भी जांच करता है, जिनमें सामाजिक नियंत्रण के अवसरों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के क्षरण पर विचार किया गया है। विविध भू-राजनीतिक संदर्भों से मामलों के अध्ययन का विश्लेषण करते हुए, यह शोध 21वीं सदी में डिजिटल सत्तावाद के वैश्विक प्रसार पर प्रकाश डालता है। यह प्रौद्योगिकी, शासन, और मानवाधिकारों के बीच संबंधों पर एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करता है। शोध यह रेखांकित करता है कि एक तेजी से डिजिटल होती दुनिया में गोपनीयता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना कितना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
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Copyright (c) 2017 International Journal of Open Publication and Exploration, ISSN: 3006-2853
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